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काली गुफा

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                       काली गुफा  नमस्कार दोस्तों मैं अमन आपको एक काली गुफा की सच्चाई बताने जा रहा हूं। उम्मीद करता हूं आपको ये कहानी पसंद आएगी। ये बात सन् 1378 की है। पहाड़ियों के बीच बसे एक छोटे से गांव में केवल 20 लोग रहते थे। वहां का मुखिया बहुत बलशाली था। उसने जंगलों के बीच रह कर जंगली जानवरों का सामना करना सिखा भी और सिखाया भी। लेकिन उम्र के साथ उसका शरीर जवाब देने लगा। वह काफी बूढ़ा हो चुका था। उसने अपने कबीले के सभी लोगों को जंगलों में जीवन जीने के ढेर सारे तरकीब सिखाए थे। लेकिन उसने एक राज हमेशा राज रखा था। वह जब अपनी आखिरी सांसे गिन रहा था। उसने अपने कबीले को आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति सोमनाथ को अपने पास बुलाया और कहा, “तुम सब लोग इक्कठा रहना किसी भी परिस्थिति में" मगर एक बात हमेशा याद रखना। उस काली गुफा के करीब किसी को जाने मत देना। सोमनाथ ने इसका उत्तर पूछा बूढ़े व्यक्ति ने बताया, उस काली गुफा में ढेर सारा खजाना है। जिसकी देख भाल एक दैत्य करता है। उस दैत्य ने काफी लोगों का खून पिया है। वह आदम खोर है। जब मैं 6 वर्ष...

आंखरी रात

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                    आंखरी रात नमस्कार दोस्तों मैं मोहन आपको कहानियों के मेले में घुमाना चाहता हूं। अगर आप तैयार है तो चलिए। मेरा नाम मोहन है, मै कोलकाता में रहता हूं। और यहीं पढ़ाई करता हूं। हमारे कॉलेज में एक टूर था जिसके सिलसिले में हमारे कॉलेज से कुछ बच्चों को टूर पर जाने के लिए चुना गया। मेरा एक दोस्त है, जिसका नाम नितिन है। हम टूर पर साथ रहने का विचार किया। टूर पर हमे पेड़ों के बारे में कुछ विशेष जानकारी प्राप्त करनी थी। हमने पहले अपने सभी समान को बैग में रखा और बस का इंतजार करने लगे। कॉलेज की बस आई और हम उस पर सवार होकर निकल गए। जंगल पहुंचने के बाद बस हमे वहां उतार कर चला गया। हमारी टीचर 12 बच्चे नितिन और मै थे। टीचर ने हमे ये एक जगह इक्कठा किया और सारे नियम समझाने लगी। जैसे कि दूर कोई नहीं जाएगा। सब साथ रहेंगे। जंगली जानवरों को देख कर शोर करना ताकि मदद के लिए हम वहां आ सके। किसी को प्यास लगी तो अपने घर से लाए पानी का ही इस्तेमाल करे। किसी को टॉयलेट जाना हो तो किसी को साथ में लेकर जाए। इधर उधर की चीजों को कोई हाथ नहीं लगाएगा। सुंदर...

वो भयानक रात

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                 वो भयानक रात नमस्कार दोस्तों चलिए मै आपको एक घटना से रूबरू कराता हूं ये कहानी है मेरे दोस्त रवि की। रवि एक निडर लड़का था। वह अक्सर किसी की बेतुकी बातों पर ध्यान नहीं देता था। जब भी निडरता की बात होती उसका नाम सबसे पहले आता था। रवि को घूमने का शौक था। हम अक्सर उसके साथ घूमने जाया करते थे। एक दिन हम हिमाचल प्रदेश के एक गांव में रुक गए। रुकने की वजह ये थी, कि हमारी गाड़ी खराब हो गई थी। रुकने के सिवा हमारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था। हमने गांव में ही एक घर किराए पर ले लिया। तभी हमने उस घर के मालिक से पूछा शाम के सात बजे ही सभी घर बंद हो चुके है। लोग नजर नहीं आ रहे है। इसके पीछे क्या वजह है? उसने जवाब दिया गांव में एक महल है। जिसमें एक सुंदर चुडैल रहती है। रवि ने आश्चर्य से पूछा सुंदर चुड़ैल?   उस आदमी ने जवाब दिया हां सुंदर चुड़ैल। रवि ने पूछा ऐसा क्यों कह रहे हो। आदमी ने बताया बहुत वक्त पहले एक प्रेमी जोड़ा महल के पास मिला करते थे। गांव के लोगों को इस बात की भनक लग गई थी। गांव वालों ने लड़के को समझाया, “ तुम दूर हो ज...

एक प्यार ऐसा भी

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                एक प्यार ऐसा भी नमस्कार दोस्तों आज मै आपसे अपने अतीत के गुजरे कुछ खास पल के बारे में बताऊंगा, तो आइए चलते है कहानियों के मेले में। मेरा नाम मोहित है। मेरे पिता अपना व्यवसाय करते है।मैं बचपन से बहुत शरारती था। मैं अक्सर अपने नानी घर जाया करता था, और वहां मस्ती किया करता था। समय कब गुजर गया पता ही नहीं चला। बड़े होते होते मित्र भी बनते गए। कुछ खास मित्र थे, जिनके साथ मैं पूरा वक्त बिताने लगा। मेरा एक सबसे खास मित्र था, जिसका नाम राघव था। वह देखने में बहुत मनमोहक था। कोई भी व्यक्ति उसका मित्र बनने की कोशिश करता था। उसपे ढेरों लड़कियां मरती थी। वह लड़कियों के जाल में फंस चुका है ऐसा प्रतीत होता था मुझे। एक रोज वह एक लड़की से मिलने गया। उस रोज मैं भी उसके साथ गया था। वह लड़की उससे प्रेम करती थी। पर राघव ने इनकार कर दिया था। समय बीतने के साथ साथ वह उससे और अधिक प्रेम करने लगी। इसी बीच राघव ने उससे बात करना बंद कर दिया था। इसी बीच मेरी मुलाकात उस लड़की से होती है। राघव को उस लड़की के करीब लाने के लिए मैं उससे बात करने लगा। मैं राघव से उसक...

The raw agent

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                        The raw agent नमस्कार दोस्तों, आज की कहानी रॉ एजेंट ( raw agent) के ऊपर लिखी गई है उम्मीद है आप इस कहानी को पढ़ कर हमारा सहयोग जरूर करेंगे। ये कहानी जसवंत सिंह की है जो एक महान योद्धा थे। उनका जन्म एक छोटे से गांव में हुआ था उनके पिता गांव में दूध बेच कर अपना गुजरा करते थे। जसवंत का एक छोटा भाई भी था। जसवंत अपने माता पिता और भाई के साथ रहता था। गांव के कुछ लोगों ने जसवंत को एक झूठी बात बताई कि गांव में आज साइकिल की नीलामी चल रही है।  उसने अपने पिता की परेशानी को देखते हुए अपने द्वारा बचाए गए पैसों से पिता के लिए साइकिल लेने चल पड़ा, रास्ते में ही उनलोगों ने जसवंत के पैसों को छीन लिया। जसवंत निराश होकर घर आया उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और पुलिस में भर्ती हो गया। उसकी ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उसे ड्यूटी मिल गई। वो ड्यूटी करने लगा तभी खबर आई कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने घुसपैठ की नीति अपनाई है। जसवंत को इस काम के लिए चुना गया। वो आतंकवादियों का पता लगाने के लिए अपना नाम पहचान बदल कर एक गांव में जा घुसा...

आईने का प्रतिबिंब

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                 आईने का प्रतिबिंब दूर इलाके की घनी आबादी वाली जंगल में एक छोटे से शहर में, "मोहन प्यारे" नाम की एक पुरानी नाई की दुकान थी। इसका लकड़ी का चिन्ह हवा में धीरे-धीरे हिलता था, और कतरनों की धीमी आवाज हर सुबह सड़कों पर गूंजती थी। यह दुकान पीढ़ियों से चली आ रही थी, और इसके मालिक, मोहन प्यारे को यह अपने पिता से विरासत में मिली थी। वह मंद मुस्कान वाला एक बुजुर्ग व्यक्ति था और उसके हाथों ने वर्षों से अनगिनत लोगों के बाल काटे थे।  ठंड की एक सुबह, लीली नाम की एक युवा लड़की दुकान में आई, उसके लंबे, उलझे हुए बाल उसकी कमर तक गिरे हुए थे। उसे हमेशा अपने बालों पर गर्व था, लेकिन हाल ही में उसे यह बोझ लगने लगा था। यह बड़ा था, आसानी से उलझ जाता था, और वह खुद को सीसे से दूर पाती थी क्योंकि इसे देखना अब उसके बस में नहीं था। वह मोहन प्यारे की दुकान पर आई और बोली चाचा क्या आप मेरे बालों को काट सकते हो? मोहन प्यारे ने मुस्कुराते हुए कहा बेटी मैं सालों से ये काम कर रहा हूं। मेरा काम ही है बालों को काटना। लीली कुर्सी पर बैठ गई, मोहन प्यारे ने उसके ...

Horror story part 2

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                 Horror story  Hello friends, पिछले पार्ट में मैने आपको बताया था कि कैसे मैटी अपनी मां के बारे में सुन कर भाग चुकी थी। तो चलिए आपको सच्चाई की तरफ ले चलता हूं। जब मैटी वहां से चली गई तो मैटी की मां वापस आई और उस आदमी से पूछने लगी मेरी बेटी कहां है। आदमी ने जवाब दिया तुम्हारी बेटी चली गई। मैटी की मां एकदम शांत हो गई, अचानक से वह हंस पड़ी।  दिलचस्प बात तो ये थी कि मैटी अभी वहां से गई नहीं थी वो छुपकर उन दोनों की बाते सुन रही थी। मैटी को ये सब देख कर बहुत बुरा लगा उसे समझ नहीं आ रहा था, वो क्या करे? तभी मैटी ने अपनी मां और उस आदमी से बदला लेने का सोचा। बहुत दिन बीत गए। एक दिन देर रात हो चुकी थी मैटी की मां उस आदमी के साथ एक कमरे में सोने चली गई। अचानक उन्होंने कुछ आवाजें सुनी। आवाजें बहुत डरावनी थी, मानो जैसे कोई प्रेत आत्मा चिल्ला रही हो... बचाओ बचाओ  आदमी डरते हुए खिड़की से बाहर देखने लगा तभी उसे जंगलों के बीच एक डरावनी स्त्री दिखी जिसने सफेद सारी पैहनी थी, सारी का दुपट्टा उसके गले से होता हुआ एक पेड़ से लटका हुआ ...