काली गुफा

                       काली गुफा

 नमस्कार दोस्तों मैं अमन आपको एक काली गुफा की सच्चाई बताने जा रहा हूं। उम्मीद करता हूं आपको ये कहानी पसंद आएगी।




ये बात सन् 1378 की है। पहाड़ियों के बीच बसे एक छोटे से गांव में केवल 20 लोग रहते थे। वहां का मुखिया बहुत बलशाली था। उसने जंगलों के बीच रह कर जंगली जानवरों का सामना करना सिखा भी और सिखाया भी।

लेकिन उम्र के साथ उसका शरीर जवाब देने लगा। वह काफी बूढ़ा हो चुका था। उसने अपने कबीले के सभी लोगों को जंगलों में जीवन जीने के ढेर सारे तरकीब सिखाए थे। लेकिन उसने एक राज हमेशा राज रखा था।

वह जब अपनी आखिरी सांसे गिन रहा था। उसने अपने कबीले को आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति सोमनाथ को अपने पास बुलाया और कहा, “तुम सब लोग इक्कठा रहना किसी भी परिस्थिति में" मगर एक बात हमेशा याद रखना।

उस काली गुफा के करीब किसी को जाने मत देना। सोमनाथ ने इसका उत्तर पूछा बूढ़े व्यक्ति ने बताया, उस काली गुफा में ढेर सारा खजाना है। जिसकी देख भाल एक दैत्य करता है।

उस दैत्य ने काफी लोगों का खून पिया है। वह आदम खोर है। जब मैं 6 वर्ष का था तब मैने अपने पिता की मृत्यु उसके हाथ देखी थी। मै बहुत छोटा था इसलिए कुछ कर नहीं पाया था।

लेकिन जब मैं 24 वर्ष का हुआ मैने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए वहां गया तो मैं उससे हार गया और कैसे भी अपनी जान बचा कर भागा। अब मेरा अंतिम समय आ गया है।

इतना कह कर उस व्यक्ति ने अपना दम तोड़ दिया। सोमनाथ कबीले का मुखिया बन चुका था। उसने अपना कर्तव्य निभाया और कबीले के सभी लोगों को मिला कर साथ चलने लगा।

कबीले का मुखिया सोमनाथ जब जंगल पर शिकार करने निकला उसने एक झुंड को देखा जो घोड़े पर सवार थे। जिनके हाथ ढेर सारा सोना हीरा था। सोमनाथ ने देखा वो घुड़सवार काली गुफा के पीछे के रास्ते से उस गुफा में घुस गए।

सोमनाथ ये सब देख कर अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पा रहा था। उसने उस गुफा में जाने का फैसला किया। अपने कुछ साथियों के साथ वह हथियार लेकर उस गुफा के पीछे से घुसने की कोशिश करने लगा।

गुफा का रास्ता उन्हें नजर नहीं आ रहा था। कबीले के लोग ने सोमनाथ की बातों को गंभीरता से नहीं लिया और वो वापस अपने कबीले आ गए। फिर कुछ समय के बाद कुछ औरतें और बच्चे कबीले के पास से गुजर रहे थे।

एक बच्चे को काली गुफा के अंदर कुछ रंग बिरंगी तितली दिखी जिसको पकड़ने के लिए वो गुफा के अंदर चली गई। थोड़ी देर बाद उसकी मां ने उसे ढूंढना शुरू किया। वो कुछ देर बाद कबीले में आ पहुंची। 

उसकी मां ने उससे पूछा तुम कहां चली गई थी। तो उसने बताया मै काली गुफा के अंदर तितली पकड़ने गई थी। सभी लोग हैरान परेशान हो गए। सोमनाथ अपने कबीले के लोगों को लेकर काली गुफा के सामने के रास्ते से अंदर जाने की तैयारी करने लगा।

वो चुप चाप अंदर जा रहे थे। तभी उन्होंने देखा उस गुफा में कुछ लोग जश्न मना रहे है। क्यूंकि वो थोड़ी देर पहले किसी गांव के राजा को लूट कर आए थे। सोमनाथ ने कबीले के लोगों के साथ उन पर हमला कर देता है।

उन्होंने काली गुफा में दैत्य की कहानी बना कर कई राज्यों को लूट कर उनके खजाने को छीन लिया था। इस लड़ाई में सोमनाथ मारा जाता है। पर वो मरते मरते सभी लुटेरों को मार देता है। 

सोमनाथ की इस बहादुरी ने कई लोगों की जान बचाई। तो इसके साथ मेरी कहानी खत्म होती है। उम्मीद है आपको ये कहानी पसंद आएगी।

धन्यवाद।



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